Saturday, September 19, 2009

सेक्स की भूख

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कविता की पहली चुदाई

मेरा नाम कविता है मै १७ साल की हूँ मै अपनी सेक्स कहानी आपको बताती हूँ . जब मेरे भइया मोंटू ने मुझे पहेली बार चुदाई का मजा चखाया .

एक दिन की बात है मै अपनी रूम मै सो रही थी मेरी कमर मै जोरों का दर्द हो रहा था घर मै कोई नही था तो मैंने मोंटू को बुलाया कि मेरी कमर पे मालिश कर दे मै उल्टा लेट गई और मेरे कमीज़ के अंदर अपने हाथों से मोंटू मालिश करने लगा धीरे धीरे मेरा दर्द कम होने लगा तो मेरी आंख लग गई

जब आंख खुली तो मेरे बदन पे कमीज़ नही था और मेरी ब्रा भी नही थी. मोंटू मेरे बड़े बड़े दोनों बूब को बारी बारी चूस रहा था मुझे भी मजा आरहा था इसलिए मै भी चुप रहकर चुसवाती रही मोंटू ने मेरी दोनों निपल को चूस चूस के बहुत टाईट कर दी थी मै जग कर भी सोने का नाटक कर रही थी क्योंकि मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मेरी चूत पानी पानी होकर मोंटू के लंड का इंतजार कर रही थी लेकिन मै यह बात मोंटू को बता नही सकती .

इतने मै मोंटू ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया मै तो उसका बड़ा लंड देख कर पागल हो रही थी मोंटू ने अपना लंड (लौड़ा ) मेरे बूब पर रख कर रगड़ना शुरू किया तो मुझे और मजा आने लगा मोंटू का लंड मेरी दोनों निपल से खेल रहा था मै लंड अपने मुंह मै लेकर चूसना चाहती थी लेकिन क्या करू , और मै अब सोच रही थी के मोंटू मेरी सलवार भी उतार दे और मेरी चिकनी हो रही चूत मै लंड डाल कर मुझे चोदे लेकिन मोन्टू तो अपने लन्ड से मेरे बूब्स से खेलने में लगा था।

थोड़ी देर बाद मोन्टू ने अपना लन्ड मेरे मुंह पर लगाया तो मुझ से रहा नहीं गया, मैंने तुरन्त ही लन्ड को अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी। मोन्टू भी अपने आपे में ना रहा और बोला - बहन ! मेरे लन्ड को और जोर से चूसो, लोलीपोप की तरह चूसो, बहुत मज़ा आ रहा है आऽऽऽऽहा आऽऽऽऽऽह म्म आ।

मैंने अपने मुंह से लन्ड को छोड़ दिया और बोली- बस भैया! अब मेरी चूत की बारी है। भोंसड़ी की कभी की पानी पानी हो कर तुम्हारे लन्ड का इन्तजार कर रही है। मोन्टू ने तुरन्त ही मेरी सलवार उतार दी। मैंने पैन्टी नहीं पहनी थी तो मोन्टू बोला- बहना कच्छी क्यों नहीं पहनी? मैं बोली- रोज़ाना रात को अपनी उन्गली से अपनी चूत को चोदने में कच्ची पहन कर मज़ा नहीं आता। अब बातें कम करो और मेरी चूत को चाटो। तुरन्त ही मोन्टू मेरी टांगें फ़ैला कर चूत को चाटने लगा तो मेरी चूत, भोंसड़ी की, और पानी छोड़ने लगी।

भैया अपनी पूरी जबान मेरी भोस में डाल कर चाट रहा था। मेरे मुंह से आआऽऽऽहऽऽ निकलने लगा और मैं मोन्टू के लन्ड को अपने हाथ में लेकर जोरों से हिलाने लगी तो मोन्टू पलट कर मेरे ऊपर आ गया और बोला- मेरी बहना ! अब मैं अपना लन्ड तेरी चूत में डाल कर चोदता हूं।

उसने मेरी चूत पे अपना लन्ड रख कर जोर से धक्का दिया तो मैं खुशी के मारे आऽऽऽहें भरने लगी। भैया मुझे चोदे जा रहा था और मैं चुदवाती जा रही थी। थोड़ी देर तक चुदाई के बाद भैया ने अपना लन्ड मेरी चूत में से निकाल कर मुझे ऊपर आने को कहा। भैया नीचे लेट गया और मैं उसके ऊपर। मैंने अपनी पीकी भैया के लन्ड के ऊपर रखी और धीरे से धक्का लगाकर फ़िर से चुदाई शुरू कर दी। भैया मेरी चूत में नीचे से धक्का मार रहे थे। मैं भी उछल उछल कर भैया के लन्ड का मज़ा ले रही थी। भैया मेरी चूत को चोदते चोदते मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथों से दबा रहे थे। मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ रही थी कि भैया का वीर्य निकल पड़ा। मैंने तुरन्त अपनी भोस में से भैया का लौड़ा निकाल दिया और भैया को बोली- मोन्टू ! तूने अपनी चुदाई पूरी कर ली, अब मेरा क्या होगा।

मोन्टू ने एकदम मुझे लिटाया और मेरी चूत को अपनी जबान से चोदने लगा। मैं भी अपनी चूत को हिला हिला कर चुदवाती रही और चुदाई का पूरा मज़ा ले लिया।

अपने भैया से चुदाइ का मज़ा लेने के बाद दूसरा नम्बर था मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के का। मैं मन ही मन उसे चाहती थी पर उसे कहने में शरमाती थी। एक रात को मैं अपनी छत पर गयी तो देखा कि वो अपने घर की छत पे सो रहा था। मैंने उसे आवाज़ दी पर उसने सुना नहीं। फ़िर मैंने उसे एक छोटा सा पत्थर फ़ेंक कर मारा तो उसकी नींद खुल गयी और वो मेरे पास आ गया । मुझ से पूछा कि क्या कर रही हो और मुझ से चिपट कर मेरे होठों को चूम लिया। जैसे ही वो मेरे गले से लिपटा, मेरी चूत में उबाल सा आ गया। वो मुझे जोर जोर से किस करने लगा और मुझे अपने बिस्तर पर लिटा लिया, मेरी सलवार खोल ली और अपना लन्ड मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा।

तभी उसके घर वाले जाग गये और मैं अपनी खुली सलवार में ही अपने घर आकर सो गयी। इस प्रकार हमारी कहानी शुरू हुई। उस दिन के बाद वो मुझ से हर रोज मिलने लगा और हमारा चूत लन्ड का खेल चलता रहा। वो मेरे होटों को चूसता तो मेरी जान ही निकल जाती और उसका लन्ड हाथ में पकड़ लेती जो कि डण्डे की तरह खड़ा हो जाता था। वो कभी मेरे घर पर आ जाता और कभी मैं उसके घर पर जाकर गान्ड मरवाती थी।

एक दिन उसने कहा कि मेरा एक दोस्त है, तुम उससे दोस्ती कर लो। मैंने मना कर दिया तो वो नाराज़ हो गया। तब मैंने कहा- ठीक है, दोस्ती कर लूंगी पर उससे चुदाई नहीं करवाउंगी। तो उसने बताया कि उसका लन्ड बहुत ही मस्त है, एक बार करवा कर तो देखो। उस टाईम मैंने कुछ नही कहा.

एक दिन वो अपने दोस्त को अपने घर पर ले आया और मुझे भी अपने घर पर बुला लिया। मुझे यह पता नही था कि उसने अपने दोस्त को घर पर बुलाया हुआ है।. और मैं उसके घर पर चली गयी . लेकिन जब जाकर देखा तो उसका दोस्त उसके घर पर ही है तो मैं वापस जाने के लिए मुडी तो उसने मुझे पकड़ा और कहा कि ये मेरा ख़ास दोस्त है और इसकी इच्छा पूरी कर दो उसने बहुत मिन्नतें कि तब मैं मान गयी . तब वो बहार चला गया और उसके दोस्त ने मुझे नंगा कर दिया और मेरे मम्मे चूसने लगा और फिर मेरे होठों को चूसने लगा .
>p>तभी वो भी आ गया और एक मेरी गीली चूत को चाटने लगा और एक मेरे होठों को चूसने लगा मुझे बहुत ही मजा आ रहा था . तभी उन्होंने मुझे झटके से अपने बिस्टर पर लिटा लिया और उसके दोस्त ने एक झटके से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया मेरी चीख निकल गयी .और उसने मुझे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया और दूसरे ने अपना मोटा लंड मेरे मुंह में डाल दिया . और जोर जोर से चुसाने लगा . मुझे बहुत ही मजा आ रहा था . तभी मुझे किसी के आने कि आहट हुई तभी मैंने देखा कि मेरे प्रेमी कि कोई दूसरी लड़की से भी दोस्ती है उसने उसको भी अपने घर पर बुला लिया था.मुझे जलन भी हुई और थोडी राहत भी क्योंकि मेरा साथ देने वाली आ गयी थी . वो उस लड़की को भी चोदा करता था लेकिन मुझे उस दिन ही पता लगा कि वो दूसरी लड़की कि चुदाई भी करता है .

फिर मेरी दोस्ती उस लड़की के साथ भी हो गई. उस लड़की ने भी अपने ३ -४ प्रेमी बनाये हुए थे उसने मुझे उनके साथ सेक्स करने के लिए प्रोपोज किया मैं तैयार हो गई क्योंकि मैंने दो के साथ सेक्स करने का मज़ा चख लिया था इसलिए मेरी चूत में आग लग रही थी . वो मुझे अपने दोस्त के घर पर ले गई वहां पर हमने चाय पी और वो मुझसे बातें करने लगा और साथ साथ उसकी नज़र मेरी बूब्स पर थी . मुझे भी मज़ा आ रहा था ......................इस दिन के बाद दोस्तों पता नही मैं कितने लड़कों से चुदी हूँ और आज भी चुदाई करवाती हूँ .

लाली की सुहागरात

मैं लाली हूं। ३५ साल की होने पर भी अकेली हूं और शादि के बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी बूढी मां के साथ रहती हूं। मेरा एक भाई और दो बहनें शादीशुदा हैं और वो अलग रहते हैं। मेरे ३८ आकार के सुडोल स्तन हैं और मेरी कुंवारी चूत जिसमें एक लाल छेद है, पर मुझे गर्व है। मेरे पिता की काफ़ी पहले मौत हो गयी थी। तब से मैं ही मां की देखभाल कर रही हूं। मेरी बड़ी बहन विधवा है इसलिये मां को अक्सर उसके पास जाना पड़ता है। मैं बाल मन्दिर विद्यालय में अधयापिका हूं।

नजदीकी रिश्तों में मेरे एक मौसी, मौसा और उनके दो बच्चे हैं। मेरी मौसी अपने परिवार के साथ खुश हैं। अपनी जिन्दगी में मैने जितने मर्दों को देखा है उन में मैं अपने मौसा को पसंद करती हूं। वो एक शान्त स्वभाव, अच्छे पति, अच्छे पिता और अच्छे मित्र हैं। मेरे पिता की मौत के बाद उन्होंने हमारे परिवार की देखभाल की।

एक बार बरसात के मौसम में मां दीदी के घर गयी हुई थी, हल्की बारिश हो रही थी और मैं अकेली ब्लाउज और पेटिकोट में बैठी टी वी पर कोई अन्गरेजी फ़िल्म देख रही थी। घर पर अक्सर मै ब्रा पैन्टी नहीं पहनती हूं। किसिंग सीन चल रहा था। रात के ११ बज रहे थे। तभी दरवाजे पर घंटी बजी। मुझे हैरानी हुई, पहले मैने टी वी बन्द किया फ़िर दुपटटा औढ कर दरवाजे तक गयी और अन्दर से ही पूछा कि कौन है? लेकिन जवाब नहीं मिला। मैने धीरे से दरवाजा खोला तो मौसाजी को देखा। वो बोले- हैलो लाली कैसी हो, तुम्हारी मां कहां है? मैने कहा अन्दर तो आइये मौसाजी अन्दर आये ओह क्या मम्मी नहीं है। मैने कहा दीदी के वहां गयी है तो मैं चलता हूं। मैने कहा क्या यह घर नहीं है नहीं ऐसा नहीं उन्होने कहा तुम कहती हो तो रुक जाउंगा बारिश भी बढ़ गई थी।

हम दोनो भीतर आये। मैने पानी दिया तब उनकी नजर मेरी नजर से टकराई मैं भूल चुकि थी कि मैने अंडरवियर नहीं पहना है। उनकी नजर पानी पीते पीते मेरी चूचियों पर गयी, उसका ब्रा नहीं पहनने से आकार बड़ा दिखाई देता था, मैने अपने को सम्भाला लेकिन बातें करते करते उन्होने कहा सच कहुं लाली तेरी चूचियां बहुत बड़ी हैं और उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगे। अगले ही पल में मुझे अपनी बाहों में भर दिया मैं चिल्ला उठी और कहने लगी मुझे छोड़ दो लेकिन वो नहीं माने और कस के मुझे चूमने लगे मैं ऐतराज करती रही पर मेरी नहीं चली वो मेरे होंठों का रस पीने लगे मैं कुछ भी कर न सकी वो जी भरके चूमने लगे फिर धीरे दुपट्टा खींच कर अलग कर दिया मैने खूब हाथ पांव मारे फिर भी वो चूमने रहे एक बार मैने धक्का मारा तो मैं बाहो में से निकल गयी लेकिन तुरन्त मुझे फिर से कस कर दबाया तो दोनो चूचियां पूरी दब के रह गयी।

मैने फिरसे जोर लगाया पर मेरी चूचियां पर होले होले दबा रहे थे। फिर पीछे जा कर मेरी गर्दन गाल कंधे को चूमने और सहलाने लगे और दोनो चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से दबाते रहे करीब ५ मिनट तक यह खेल चलता रहा पर मैं अलग न हो सकी पर मौका मिला तो जोर से धक्का मारा लेकिन ये क्या?। जैसे मैं दूर गयी कि मेरा ब्लाउज़ फाड़ दिया उन्होने और दोनो चूचियां कैद में से मुक्त हो कर पहली बार किसी मर्द के सामने उछल कर नंगी हो गयी हाय रे! ये क्या किया। मैने दोनो चूचियों पर हाथ ढक दिये तो वो आगे आ कर बोले लाली उसको छोड़ दो मैं उसे नंगा देखना चाहता हूं। मैं नहीं मानी तब वो करीब आके बोले दोनो हाथ को उठा लो नहीं नहीं मैं चिल्लाई पर उन्होने मेरे दोनो हाथों को उपर कर दिया दोनो नंगी चूचियां पा कर देख कर वो आनन्दित हुये पूरा नंगापन देख कर कहा लाली! इतनी बड़ी और कड़ी चूचियां पहली बार देखी हैं इतना कह कर बाकी ब्लाउज़ को हटाया और दोनो चूचियों को पहले पिया अपने हाथों को रख कर किया दोनो को होले होले दबाया फिर निप्पल को प्यार से दुलारा चूचियों को सहलाया दबाया

मेरी कुछ न चली धीरे से खींच कर बाहों में लेकर सीने से लगाया मैं मचल उठी पहली बार मर्द के सामने नंगी चूचियों की थी वो प्यार से दोनो फलों को दबाना सहलाना करते करते मेरे नीचे अपने एक हाथ को ले गये कहा लाली सच कहुं तुम्हारी चूचियां मुझे बहुत पसंद है और मैं अपने अपको सम्भाल न सकी उन्होने नाड़ा खींचकर पेटीकोट को गिरा दिया मैं नंगी हो गई मौसाजी बहुत खुश हो गये मेरा नंगापन देख कर उठा लिया मुझे बेड पर करके उन्होने अपने सभी कपड़े निकाल दिये मैं हाय हाय कर उठी उसके नंगे लंड को देखा तो पूरा ८ इंच लम्बा हो गया मेरी चूत को देख कर मेरी साइड आकर चूचियों पकड़ दबाये बाद में चूसना और दूसरी को मसलने लगे फिर दूसरी को चूसा पहली को मसलने लगे बारी बारी दोनो चूचियों को चूसा और दबाया निप्पल को बच्चे की तरह बार बार चूस रहे थे

मैं बेताब हो गयी पहली बार किसी मर्द ने मुझे नंगा देखा था। धीरे धीरे उंगली मेरी हसीन चूत पर फ़िराने लगे मैं जोश में आने लगी आखिर कब तक अपने आप से लड़ती रहती, बस मैने दोनो होंठों को मौसाजी के होंठों पर रख कर चूसना चूमना शुरु किया जियो मेरी रानी कह कर मुझे अपने ऊपर गिरा लिया कि लंड का पहला स्पर्श चूत से हुआ अपनी चूत को हटाया तो चूचियों को चुलबुलाने लगे मैं अब गर्म होने लगी थी होंठों का और चूचियों का रस करीब १५ मिनट तक पीने के बाद मुझे नीचे गिराकर वो ऊपर आ गये मेरा पूरा बदन कम्पन करने लगा उन्होने मेरी नंगी जवानी को देखा फिर अपने होंठों से पूरा बदन चूमने सहलाने और दबाने लगे मेरी चूत के सिवाय सभी हिस्सों को कई बार चूमा तो मेरी दोनो टांगें खुद फ़ैल गयीं मैं हार गयी थी

मुझे भी अब रहा नहीं जाता था उन्होने मेरी चूचियों जोर से कसा मैं आह्हह्हह्हह्हह्हह्हह मर जाउंगी मेरे मौसाजी अब नहीं रहा जाता। हाय रे बिना स…… बोलो मेरी लाली रानी, मुझे सिर्फ़ तुम्हारा कसा हुआ लंड चाहिये जी भर के चोदो मुझे अपना लो मौसाजी मुझे, हां हां बोलो मेरी लाली रानी। मौसाजी, तब मैने दोनो टांगें ज्यादा फ़ैलाई मेरी चूत देख कर उनका लौड़ा पूरी तरह तन कर कड़ा हो गया वो अब झुक गया मेरी चूत पर धीरे धीरे चूत को चूमने लगे थे कि मैं चिल्ला उठी बस करो मेरे प्यार अह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ओय माअ ओयम्मम्ममाअयह क्या कर रहे हो। पर उन्होने कुछ न सुना और अपनी जीभ को चूत में डाल कर चूसने लगे, मेरी तो अब जान ही निकलने लगी थी हायययययययययययी रीईईई यह क्या हो रहा है। अब और मत तरसाओ अपनी रानी को

अपनी टांगे खुद फ़ैलाके बोली वो पूरे ५ मिनट तक चूसता रहा मेरी चूत खुल गयी थी अब इन्तजार करना ठीक नहीं था मैने दोनो पांवों को ऊपर उठाकर मुझे मंजरी आसन में ले लिया, मौसाजी अब मत रुको मेरी चूत मस्तानी हो गयी है तब मैने लंड को पकड़ कर चूत पर रख दिया वो और आहें भरने लगी मौसाजी चोदो मेरी …। तब उन्होने धीरे से चूत में लंड दबाया ओह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हहयरीए मेरी कुंवारी चूत ३५ साल के बाद चुदाई उन्होने दूसरा धक्का मारा तो वो खुल गयी हायययी आह्ह आह्ह अह्हह मर जांउगी तब उनका तीसरा और एक दो एक दो करता हुआ लंड अपनी मन्ज़िल और आगे बढ़ गया पर मैं आह्हह ओअह्हह्ह ओह्ह करती रह गयी

सच में उनको मेरी चूत बहुत टाइट लगी पर अब वो मानने वाले कहां थे धक्के पर धक्का धका धक धका धक फ़का फ़क फ़का फ़क फ़का फ़क चोदने लगे मन्ज़िल को छू लिया पूरा लंड अब मेरी चूत में था और अब मेरी दोनो चूचियों को कस कस कर दबाते दबाते जि भर के मस्त चुदाई का आनंद लेने लगे मैं भी मस्त हो चुकी थी वो भी पुरी तरह चोदने लगे अब दिल खोलकर मैं भी चूचियों और चुदाई करवाने लगी लाली आह हहह बहुत मजा आ रहा है मेरे रजा जोर जोर से अब चोदो मैं तुम्हारी हो चुकी हूं चोदो चोद मेरे राजा बस वो कस कस कर चोदने लगे तब धीरे धीरे दोनो बाहों में भरकर मैने अपनी ऊपर खींचा और तेज और तेज मौसाजी पूरी तरह चोद लो, स्पीड बढ़ाते गये और तेज फ़का फ़क फ़का फ़क और तेज फ़चा फ़च फ़चा फ़च आह्हह फ़चा फ़च फ़च अह्हह्हह्हह्हह्हह्ह मैं गयी अह्हह्हह्हह्ह और मौसाजी पूरी तरह मेरे पर छोट गये और पहली बार वीर्यदान कर दिया हमारा मिलन हुआ वो मेरे ऊपर थे मैने कसकर उसे मेरी चूचियों पर दबाया हमारी सांसे तेज और एक हो गई बाहर बारिश तेज बरस रही थी और मैने अपनी सुहाग रात चार बार चुदवाके मनाई।

मेरी प्यारी इंग्लिश टीचर

बात उन दिनो की है जब मैं १२वीं की बोर्ड की परीक्षा देकर फ़्री हुआ था और रिजल्ट आने में तीन महीने का समय था। ये वो समय होता है जब हर लड़का अपने बढ़े हुए लंड के प्रति आकार्षित रहता है साथ-साथ बढ़ती हुई काली-काली घुंघराली झांटे उसका मन जल्दी से किसी नशीली चूत का रस पान करने को प्रेरित करती हैं। मैने फ़्री टाइम को सही इस्तेमाल करने के लिये एक इंगलिश स्पीकिंग कोर्स ज्वाइन कर लिया। हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक नये इंगलिश कोचिंग सेंटर खुला था जहां मैं अपना एडमीशन लेने पहुंच गया। मेरे लौड़े की किस्मत अच्छी थी वहां जाते ही मेरा सामना एक कमसिन, अल्हड़, मदमस्त, जवान, औरत से हुआ जो पता चला वहां की टीचर है। उसके गोरे-गोरे तन बदन को देखते ही मेरा तो लौड़ा चड्ढी में ही उचकने लगा। उसकी खुशबूदार सांसो ने मन मे तूफ़ान पैदा कर डाला था। मन तो उसके तुरंत चोदने को कर रहा था पर क्या करता वहां तो पढ़ने गया था।

एडमीशन देते हुए वो भी मुझे आंखों ही आंखों में तौल रही थी। वो २७ साल की भरे बदन वाली मैडम थी। शादी-शुदा, उसकी दोनो बूब्स (चूचियां) आधा किलो की थी और उसके गद्देदार मोटे चूतड़ (गांड) उभार लिये संगमरमर की मूरत से तराशे हुए हिलते ऐसे लगते थे जैसे कह रहे हो- “आजा राजा इस गांड को बजा जा”

मैने एडमीशन लेकर पूछा “कितने बजे आना है मैडम?” वोह मुस्करा कर बोली “सुबह ७ बजे आना।” “साथ क्या लाना है?” “वो बोली एक कोपी बस”। मैं घर वापस आ गया पर सारी रात सुबह होने के इंतज़ार में सो न सका। रात भर मैडम की हसीन मुस्कान और चेहरा सामने था। मैं बार-बार उनके ब्लाउज़ में कैद उन दो कबूतरों का ध्यान कर रहा था जो बाहर आने को बेताब थे। उनकी चूत कैसी होगी? गुलाबी चूत पे काला सिंघाड़ा होगा, उनकी चूत का लहसुन मोटा होगा या पतला, मुलायम मीठा या नमकीन, कितना नशा होगा उनके चूत के रस में? उनकी बुर की फांके गुलाब की पत्तियों सी फैला दूं तो क्या हो? ये कल्पना और मदहोश कर रही थी जिससे मेरे लंड फूल कर लम्बा और मोटा हो गया था और मेरी चड्ढी में उसने गीला पानी छोड़ दिया।

अगले दिन सुबह, जल्दी से नहा कर मैं इंगलिश की कोचिंग में टाइम से पहुंच गया। उस क्लास में और भी कुछ हसीन लड़कियां थीं। कुछ खूबसूरत शादी-शुदा औरतें भी थी जो हाई क्लास सोसाइटी में अपनी धाक जमाने के लिये इंगलिश सीखना चाह रही थीं ताकि हाई क्लास की रंगीनियों का मज़ा उठाया जा सके। मैं पीछे की सीट पर बैठ गया। थोड़ी देर में मैडम वहां आयी और गूड मोर्निंग के साथ मुझ पर नज़र पड़ते ही बोली –“तुम आगे आकर बैठो”। उनके कहने पर मैं आगे की सीट पर बैठ गया। वो सबको अपना परिचय हुए बोली – हाय मै निशा हूँ। अब आप लोग अपना परिचय दीजिये। हम सबने अपना-अपना परिचय दिया। फिर वो ब्लैक बोर्ड की तरफ़ मुड़कर लिखने लगी। जैसे ही वो मुड़ी उनकी गांड मेरे सामने थी और मन फिर उनकी गांड मारने के ख्याल में खो गया। क्या करुं जवानी १८ साल की कहां शांत रहती।

वो बहुत सुंदर लाइट कलर की साड़ी पहने थी। लाइट पिंक ब्लाउज़ के नीचे उनका काला ब्रा साफ़ दिख रहा था। साड़ी के पल्लु से उनकी चूची का बोर्डर ज़बान पे पानी ला रहा था। लालच मन में जगा रहा था। दोनो चुचियों के बीच की गहरी लाइन ब्रा के ऊपर से लंड को मस्ती दिला रही थी। वो मुड़ कर वापस क्लास को बोलने लगी ग्रामर के बारे में और मेरे एकदम पास चली आयी। मैं बैठा था और वो मेरे इतने करीब खड़ी थी कि उनका खुला पेट वाला हिस्सा मेरे मुंह के पास आ चुका था जिसमे से उनकी गोल-गोल गहरी टोंडी (नाभि) की महक मेरे नथुनो मे मीठा ज़हर घोल रही थी। फिर उनका पेन हाथ से गिरकर मेरे सामने टपक गया जिसे लेने वो नीचे झुकी तो दोनो चुचियां मेरे मुंह के सामने परस गये। उस दिन क्लास ऐसे ही चलता रहा। फिर जब क्लास खत्म हुआ तो जब सब चलने लगे तो मैडम ने मुझे रुकने को कहा। मैं अपनी कुरसी पर बैठा रहा। सबके चले जाने के बाद मैडम मेरे पास आयी और बोली-“ हेंडसम लग रहे हो” मैने कहा “थैंक यू”। तुम अभी क्या करते हो? मैं बोला- अभी १२वीं का एक्साम दिया है अब मैं फ़्री हूं। मैडम बोली –मतलब अब तुम बालिग (एडल्ट) हो गये हो।” “यस मैडम”, मैं बोला।

“हूऊऊऊउम……। वो कुछ सोच कर बोली, तुम्हारा केला तो काफ़ी काफ़ी बड़ा है। ‘केला???’ मैं समझ तो गया था कि मैडम मेरे लंड की तरफ़ इशारा कर रही हैं पर मैं अंजान बना रहा। मैने पूछा किस केले की बात कर रही हैं आप? “अरे अब इतने अंजान मत बनो मेरे राजा, तुम्हारा लौड़ा जो काफ़ी बड़ा है और जो इस पैंट के नीचे से फूल कर बाहर हवा खाने को बेताब है। शायद इसने अभी तक गुझिया (चूत) का स्वाद नहीं चखा। असल में मैं क्लास जल्दी पहुंचने के चक्कर में नहा कर पैंट के नीचे अंडरवेअर पहनना भूल गया था जिससे मोटा लौड़ा तन कर पैंट में अपनी छाप दिखा रहा था।

मैडम को फ़्री और फ़्रेंक होता देख कर मैने भी कह दिया “हां मैडम अभी तक किसी की चूत का स्वाद नहीं चखा है।” वो बोली शनिवार की सुबह ६ बजे मेरे घर आ सकते हो, मैं अकेली रहती हूं। दर असल मेरे पति नेवी में हैं और हमारे कोई औलाद नहीं हैं। तुम आजाओगे तो मुझे कम्पनी हो जायेगी। मैने फ़ौरन हामी भर दी। मैं जानता तो था कि मैडम को मेरी कम्पनी क्यों चाहिये थी। उनको अपनी बुर की खुजली मिटानी थी और फिर जब पति नेवी में गांड मराये तो पत्नी दिन भर जब टीचिंग से लौट कर आये तो चूत चोदने को कोई लौड़ा तो चाहिये ही। इसमे कुछ गलत नहीं हैं। हर औरत की, हर लौंडिया की चूत में गरमी चढ़ती है और उसकी चूत की आग सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड ही शांत कर सकता है।

सारी रात मैडम का ध्यान कर मैं सो न सका। सुबह घड़ी में अलार्म लगा दिया ५ बजे का। मम्मी भी सुबह अलार्म की आवाज़ से उठ गयी और बोली इतने सुबह कहां जा रहे हो?? मैने कहा सुबह रोज़ अब मैं जल्दी उठ कर जोगिंग करने जाउंगा और फिर वहीं से क्लास अटेंड कर वापस आउंगा। अब उनसे क्या कहता कि मैडम की चूत की खुजली शांत करने जा रहा हूं। सुबह चाय पीकर मैं तुरंत टैक्सी कर मैडम के पते पर कोपी लिये पहुंच गया। डोरबेल की घंटी बजायी तो थोड़ी देर बाद मैडम ब्लैक नाइटी पहने मुस्करा कर दरवाजा खोलती नज़र आयी। उनके नाइटी के दो बटन ऊपर के खुले थे और ब्रा नहीं पहने होने के कारण दोनो चूचियां मुझे साफ़ दिख रहीं थीं। नीचे पेटीकोट भी नहीं था क्योंकि उन्होने मेरा हाथ कमर पे रख मुझे अंदर बुलाया जिससे उनका बदन मेरे हाथ में आ गया था।

सामने खुला हुआ सीना मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहा था। वो मुसकरा कर बोली अब ऐसे ही खड़े-खड़े मेरी सूरत देखते रहोगे या मुझे अपनी बाहों में उठा कर बिस्तर पे भी ले चलोगे। मेरी जवानी कबसे मोटे लंड की आग में जल रही है, मेरी जवानी के मज़े नहीं लूटोगे??? मैने तुरंत कोपी पास पड़ी टेबल पर फेंक दी और मैडम को झट से अपनी बाहों में उठा लिया। उनके खुले बाल मेरे हाथ पर थे और उन्होने मेरे होंठों को अपने लिप्स में कैद कर लिया। उनका बेडरूम सामने ही था। मौसम थोड़ा गरम था इसलिये मैं उनको पहले बाथरूम में ले आया जहां उनको थोड़ा नहला कर मालिश कर गरम कर सकुं।

मैने मैडम को बाथरूम में खड़ा कर दिया और फिर उनकी काली नाइटी के ऊपर से पूरा मांसल बदन दबाया फिर सहलाया। उनके हाथ ऊपर कर उनकी काली नाइटी धीरे से उतार दी। अब वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी। दूधिया बदन गोरी-गोरी-मोटी चूचियां और हल्के काले घुंघराले बालों के बीच गुलाबी मुलायम चूत। मैने शोवर चालु कर दिया पानी ऊपर से नीचे हर अंग को भिगो रहा था। मैने उनको चूमना चाटना शुरु कर दिया। होंठों से होंठ फिर गाल सब पर ज़बान फेर कर मज़ा देता गया। दोनो चूचियां बार बार दबा कर निप्पलों को मुंह में भर लिया। उनके पिंक निप्पल मोटे और बहुत सोफ़्ट थे। ज़बान निकाल कर गोल-गोल निप्पल पर घुमा कर चाट कर पिया। वो आअह्हह्हह…।।उह्हह्हह…ईईस्सस्सस…मज़ा आ गया बोली। और पियो ये निप्पल कब से तरस रहे थे कि कोई इनको पिये।

मैने कस कर चूची मर्दन किया दबा दबा कर निप्पलों उकेर कर दोनो निप्पलों पर जबान से खूब खुजली की। मैडम भी अपनी ज़बान निकाल कर मेरे ज़बान के साथ अपने निप्पलों चाट रहीं थी। उनकी चूचियां फूल कर बड़ी हो गयी थी और मैं नीचे उनके नाभि पर आ गया था। गोल नाभि की गहरायी नापने में २ मिनट लगा इससे पहले चूचियों का मसाज और निप्पलों को चूस कर १० मिनट तक उनको प्यार के नशे में डुबाता चला गया। इस क्रिया से मेरा लौड़ा भी नागराज की तरह फुंकारता हुआ खड़ा हो कर ७इंच का हो चुका था जिस पर मैडम का हाथ पहुंच गया था। मैने धीरे से मैडम को बाथरूम के फ़र्श पर लिटाया ताकि उनकी चूत खुल कर मेरे सामने आ सके और मैं उनकी गुलाबी गुझिया में उंगली डाल सकूँ।

मैं धीरे से उनकी चूत का रस पीने के इरादे से नीचे गया। उनकी झांटों पर पड़ी पानी की बूंदों ने मुझे उनके झांटों पर चांदी की तरह चमकती बूंदों को पीने की चाह जगा दी। मैं उनकी काली, मुलायम घुंघराली झांटों को अपने होंठों में कैद कर अपने लिप्स से पीने लगा। उनकी जब झांटें खिंचती तो वो अह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह……।।ऊऊऊऊऊह्हह्हह …।।ह्हहाईईइ………।ज्जज्जजाआअन्नन्नन्नन्नन्न…।।स्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस… करती जिससे मेरा लंड और कड़क हो जाता। उनकी झांटों से पानी साफ़ करने के बाद मैने दोनो उंगलियों से उनकी चूत की गहरायी को नापा मतलब दोनो उंगलियां अंदर गुलाबी छेद में डाल दी गहरायी तक। फिर ज़बान पास लाकर उनके चूत का सिंघाड़ा अपने मुंह में कैद कर लिया। करीब १० मिनट तक उनकी नशीली चूत का रस अपनी ज़बान से पीता रहा और उनकी गरम चूत में अपनी ज़बान चलाता रहा। ऊपर से नीचे फिर नीचे से ऊपर और फिर ज़बान को कड़ा कर अंदर बाहर भी। ज़बान से चूत रस चाटते वक्त मैने एक उंगली नीचे खूबसुरत से दिख रहे गांड के छेद पे लगा दी। उनको तैयार कर मैने अपना अंडरवेअर उतारा जिससे मैडम बाथरूम के फ़र्श पर उठ कर मेरे ऊपर मेरी तरफ़ गांड कर ६९ की पोजीशन में लेट गयी और मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया।

मैं मैडम की चूत मैं नीचे से पीछे से ज़बान डाल कर उनका रस चाटे जा रहा था और मैडम को मेरा गुलाबी सुपाड़ा बहुत मज़ा दे रहा था। वो बच्चो की तरह उसे चूसे जा रहीं थी। क्योंकि उनको लंड बहुत दिनो बाद नसीब हुआ था। मेरा तना लंड उनको बहुत मज़ा दे रहा था वो ५ मिनट तक मेरा लौड़ा अपने होंठों में कैद कर चूसती रहीं ज़बान से लंड के सुपाड़े को चाट-चाट कर लाल कर दिया था और लंड तन कर रोड की तरह पूरा कड़ा हो गया था पर मैडम छोड़ ही नहीं रहीं थी। मैने बोला मैडम मैं झड़ने वाला हूं तो उन्होने मुझे खड़ा कर दिया और खुद भी मेरे ऊपर से हट गयी। बोली-आओ राजा मेरी ज़बान पर गिरा दो। वो मेरे लंड के पास मुंह खोल कर ज़बान निकाल कर बैठ गयीं। मैने अपने हाथ से हिला कर जल्दी से अपना सारा गरम गरम शहद उनकी ज़बान पे गिराया जिसे उन्होने अपनी आंखे बंद कर जन्नत का मज़ा लिया। वो मेरे गरम वीर्य की आखिरी बूंद तक चाट गयी। फिर उन्होने अपना मुंह धोया और मुझे बोली अब मुझको बेडरूम में ले चलो राजा। मैं भी उनकी चूत चोदने को बेताब था।

मैने उनको उठा लिया और बेड पर चित लिटा दिया। उनकी दोनो गोरी टांगो को खूब फैला दिया ताकि उनकी गुलाबी चूत मेरे सामने खुल जाये और मुझे उनकी चूत को चाटने में ज़रा भी कठिनाई न हो। वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगी। उनके ये करने से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैने उनकी नशीली चूत को चाट कर अपने थूक से चिकना किया। वैसे उनकी चूत बहुत मक्खन सी मुलायम और मलमल सी चिकनी थी। वो गरम-गरम मलाई से भरपूर चूत मुझे अब जन्नत सी लग रही थी जिसको अब चोदना बहुत ज़रूरी हो गया था। मेरे लप-लप कर उनकी चूत को चाटने से वो अपने मुंह से सी…सी…ऊऊऊओ…।अह्हह्हह्हह्हह्ह कर रही थी। बोली मेरे राजा जल्दी से अपना ७ इंच का शेर मेरी प्यार की गुफ़ा में घुसा दो। जल्दी से इस चूत की खुजली शांत करो। बहुत तड़प रहीं हूं।

मैने जल्दी से उनकी गोरी मांसल जांघो को दूर दूर किया और लौड़ा पकड़ कर अपना सुपाड़ा चूत के मुंह पे टिका कर सहलाया। फिर एक धीरे से ज़ोर लगाया जिससे लंड खच की आवाज़ से अंदर गरम गरम चूत में अंदर तक समा गया। वो आंखें बंद कर मस्त होने लगी। मैं बोला निशा तुम बहुत मस्त हो। वो मुस्कुरा दी। मैने अपने लंड का वेग बढ़ा दिया। लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर चलने लगा। लंड पूरे ज़ोर से अंदर बाहर आ जा रहा था जिससे निशा की चूचियां भी हिल रही थीं। दोनो बूब्स को मैने हाथ में भर कर मसलना शुरु कर दिया था और उनके निप्पल भी अपने होंठों में चूसने लगा। निशा की जवानी लूट कर १० मिनट तक गरम लंड रोड सा उसकी बुर को फाड़ता रहा। फिर मैने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला और अपना गरम वीर्य उसकी चूत के ऊपर और टोंढी के छेद में डाल दिया।

अब वो शांत हो चुकी थीं और मेरा पहला प्यार का क्लास १ घंटे में खतम हुआ था। सेक्स की इस क्लास में मुझको मज़ा मिला था। अनोखा मज़ा।

शालिनी की अगन

ये कहानी लिखी हे निक्की ने! जिनकी मेल में यहाँ पोस्ट कर रहा हु! उम्मीद हे आप लोगो के ये पसंद आएगी!

मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है शालिनी।

उसकी उमर मेरे बराबर कोई २८ साल, हाइट ५.६, फ़ीगर ३४ सी-२८-३६ , गुलाबी रंग, बड़ी-२ आंखें, गुलाबी होंथ, खूब फूले हुए बूब्स, भरे-२ चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो। हम दोनो कोलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है क्योंकि कोलेज के ज़माने मैं ही हम दोनो के बीच एक रिश्ता और बन गया। एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गयी तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनो मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि संडे को तुम अश्विन से मिली थी तुम दोनो ने क्या किया था बताओ न मुजे और वो शरमा रही थी। अश्विन उसका कजिन था और दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनो अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे। मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि उस दिन अश्विन ने उसे किस किया था। मैं ने उसे लिपटा कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया, हे बेईमान अब बता रही हो, तो वो शरमा कर हंस दी। हे शालु बता न और क्या किया था तुम दोनो ने।

बस न, सिर्फ़ किस किया था उसने, वो शरमा कर मुस्कराई। ऐ शालु बता न प्लीज कैसे किया था। हट बदतमीज़ वो प्यार से मुझे धक्का दे कर हंस दी। मैं उसकी भरी-२ जांघों पर सिर रख कर लेट गयी उसके गोल गोल दूध मेरे चेहरे के ऊपर थे, मैं ने धीरे से उसके राइट दूध पर उंगली फेरी, क्यों शालु ये नहीं दबाये अश्विन ने? तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली - हां, तो मैं ने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा अपने दोनो हाथों मैं लेकर गाल चूम लिये। कैसा लगा था शालु, है निक्की क्या बताउं मेरी तो जैसे जान निकल गयी थी जब उनकी गरम-२ ज़बान मेरे मुंह मैं आयी मैं मदहोश हो गयी उन्होंने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और एक दम से अपना हाथ यहां रख दिया वो निक्की का हाथ अपने राइट दूध पर रख कर सिसकी। मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।

फिर शालु?

निक्की बड़ी मुश्किल से उन्होंने मुझे छोड़ा। शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी ऐसा लग रहा था जैसे पूरे जिस्म मैं चीटियां दौड़ रही हों। मेरा ये हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली तुमको क्या हो गया निक्की? तो मैं ने शरमा कर उसकी जांघों मैं मुं ह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था जो खूब गरम हो रही थी और मेहक रही थी। मैं ने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया तो वो सिसक उठी आह आह आह निक्की उफ़ नहीं न प्लीज मत करो और मेरे चेहरा उठाया। हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे। शालु के थे। शालु के गुलाबी होंठ कांप रहे थे, मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी निक्की, और मैं भी ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।

एक आग सी लगी हुई थी हम दोनो के जिस्मों में। मैं उसके होंठ पर होंठ रख कर सिसक उठी, शालू प्लीज मुझे बताओ न अश्विन ने कैसे चूमे थे ये प्यारे-२ होंठ। तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दातों में दबा कर मुस्कुराई, निक्की उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा। मैं हंस दी उसके गाल तोर कर, चलो ठीक है तुम अश्विन बन जाओ। शालू ने अपनी बाहें फैला दी तो मैं उनमे समा गयी और वो मेरे गाल, होंठ, आंखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी तो मैं तड़प उठी आह आआह शा शाआलु ऐए मा नहीं ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊओम्म ऊऊम अह अह क्या कर रही हो अह है है बस बस नहीं न ऊफ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी। उसके एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया मेरी चीख निकल गयी नाआहि आअह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो, तो मेरे होंठ चूसतुइ हुई सिसकिउ वो ही जो अश्विन ने मेरे साथ किया था।

वो मुझ से जूम गयी और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धेरे-२ और फिर अंदर घुस गयी तो मैं उसकी ज़बान की गरमी से पागल हो उठी और उस से लिपट गयी, शालू ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनो दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गरम और इतनी लम्बी थी के मेरे पूरे मुंह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी। हम दोनो के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रही थी और सिसक रही थी आह अह शालु अह अह हां अह निक्की मेरी जान, ऊफ़ शालु कितनी मज़े की ज़बान है तेरी इतनी लम्बी ऊफ़ सच्ची अश्विन को मज़ा आ गया होगा, आअह ही धीरे निक्की अह आअह सच्ची निक्की बहुत मज़ा आया था क्या बताउं तुझे आह धीरे से मेरे होंठ।

आह निक्की उठो न प्लीज अब, तो हम दोनो उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुंह में सिसकी उतारो न निक्की प्लीज और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया, आअह शालु ये आह तो मेरे होंठ चूम कर सिसकी कुछ न बोलो निक्की सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है मैं उसके सामने टोपलेस बैठी थी शरम से मेरी बुरी हालत थी। मैं ने अपने दोनो हाथों से अपने भरे भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालु ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग कर दी और मैं देखती रह गयी। उफ़ कितने प्यारे दूध हैं शालु के खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बी चूचियं जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा उस ने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया और मेरी आंखें चूम लीं और मेरे दोनो हाथ मेरे दूधों पर से हताये और अपने दूधों पर रखे और होंठ चबा कर सिसकी ऊई मां आह आह और फिर मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गयी आऐए आआऐर अह्ह अह आआअह ऊओह ऊऊम आआआआअह नहीं शाल्लल्ललु और मैं ने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालु भी मुझे से लिपट कर सिसक उठी आईईए ऊऊउइ ऊऊउइ अह अह अह धीएरे आह निक्कक्ककि धीएरे आह मेरे दूधु और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनो की ज़बाने मुंह के अंदर घुस पड़ी।

उसकी लम्बी चिकनी और गरम ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गयी। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनो की चीखें निकल पड़ी और हम दोनो झूम गये और मेरी चूत रस से भर गयी। मैं ने उसे लिपटा लिया और उसकी पीठ और चिकनी कमर और नरम-२ चूतड़ सहलानी लगी तो वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी मैं ने उसका गुलाबी चेहरा उठाया तो उसकी आंखें नहीं खुल पा रही थीं बहुत हसीन लग रही थी शालु मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी उसके गोल नरम नरम दूध मेरे सांसों से टकराते तो जैसे आग लग जाती मैं ने उसको थोड़ा उपर किया तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी वो मस्ती में चिल्ला पड़ी आईईई मा मर जाउंगी मैं आह अह ओह ऊओफ़ अह निक्की आह अह्ह हान ये ये ये भी किया था अश… अह अश्वनि ने।

और मैं ने उसका पूरा का पूरा दूध मुंह में ले लिया तो मज़ा आ गया और शालु ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लिया और सिर झटक कर मचलने लगी आआइए निक्की धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री मा धीर से न आअह बहुत अच्छा लग रहा है आह पूरा पूरा चूसो न ऊफ़ मेरा दूध आह निक्की सची ऐईए ऐसे नहीं न काटों मत प्लीज उफ़ तुम तो अह अश्विन से अच्छा चूसती हो आअह आराम से मेरी जान और वो मेरे दूध दबाने लगी है सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे निक्की मुझे दो न प्लीज निक्की तो मैं ने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकना हो रहा था तो मैं ने जैसे ही दूसरा दूध मुंह में लेना चाहा वो सिसक उठी आह निक्की प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी-२ चूचियां कितनी मुलायम हैं उइ सच्ची मैं और मेरी चूचियां मसलने लगी तो मैं ने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये अह आअह शालू आराम से मेरी जान आह और और क्या किया था अश्विन ने बताओ न तो मेरे दूध पर अपने चिकने गुलाबी गाल रख कर मुस्कुरायी और धीरे से बोली और कुछ नहीं करने दिया मैं ने। क्यों शालु दिल नहीं चाहा तुम्हारा।

वो मेरे उपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली निक्की सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका। क्योंकि डर लग रहा था। तो मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गयी मज़े में और मेरा हाथ उसकी चिकनी मुलायम पेट पर आया और उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी। आह शाल्लु सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी और मैं क्या करूं आह मेरे दूध आऐए मा अह्ह धीरे न इतनि ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध आह आह ओह ऊओफ़ शालू प्लीज नहीं न। आअह हन हाअन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है। निक्की मेरी जान सच्ची कहां छुपा रखे थे येह प्यारे-२ दूधु। तो मैं शरम से लाल हो गयी उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हंस पड़ी ऊऊउइ मा निक्की। तो मैं ने उसके होंठ चूम लिये। शालु, हूं, तुम ने बताया नहीं अश्विन और क्या कर रहा था तो वो शरमा कर मुसकराई निक्की वो तो, हां बोलो ना शालु प्लीज तो शालू ने मेरा हाथ अपने शलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली वो तो ये खोलने के मूड में थे, फिर शालू, मैं ने रोक दिया उसे। क्यों शालू क्यों रोक दिया बेचारा अश्विन, तो मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी बड़ी आयी अश्विन वाली। मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया तो वो मुसकराई, मैं ने कह दिया ये सब अभी नहीं, शादी के बाद।

और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी आह शालू आराम से मेरी जान और मैं ने उसकी शलवार खोल दी तो वो चोंक गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली ये ये निक्की क्या कर रही हो, तो मैं ने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये मेरी शालू जान शादी तो अश्विन से होगी मुझे तो दिखा दो तो वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी हाय मेरी निक्की कब से सोच रही थी मैं आह मेरी जान और एकदम से उसने मेरी शलवार भी खोल दी और उसक हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था मैं मज़े में चिल्ला पड़ी ऊऊउइ शाआलु

नाआहि और वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी और मैं मचल रही थी नहीं शालु प्लीज मत करो आइए ऊऊओफ़ नाआहि न ओह मैं क्या करूं और उसने एकदुम से मेरी जलती हुई चोर पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी, हाय रे आह ये ये क्या कर दिया शालु, मुझे कुछ होश न था उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुंह में हलचुल मचा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है मैं ने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गयी उसकी शलवार भी उतर चुकी थी अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे और बेड पर मचल रहे थे। आह निक्की ऊओफ़ सच्ची बहुत गरम चूत है उफ़ कितनी चिकनी है छोटी सी चूत सच्ची बहुत तरसी हूं इस प्यारी चूत के लिये मैं, दे दो न प्लीज निक्की ये हसीन छोटी सी चूत।

हाय शालू मैं ऐन निकल रही हूं प्लीज आह मैं क्या करूं मेरा पूरा जिस्म जल उठा और मैं ने शालु के नरम गरम चूतड़ दबाए और एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो तड़प उठी ऊऊउइ नीईइकि और मैं तो जैसे निहाल हो गयी उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी खूब फूली हुई मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गयी बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था और शालु की चूत लाल हो रही थी, क्या देख रही हो निक्की ऐसे तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी शालू और एक दम से मैं ने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गयी हम दोनो एक दूसरे की चूत सहला रहे थे। शालू, हूं, अश्विन को नहीं दी ये प्यारी सी चीज़, तो वो शरमा कर मुस्कुराई ऊन हूनह। क्यों? तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिये जो बचा कर रखी है। तो मैं हंस दी हट बदतमीज़। सच्ची निक्की, वो मेरी चूत धीरे-२ दबा कर सिसकी हमेशा सोचती थी के तुम्हारी ये कैसी होगी। तो मैं अहरमा कर मुसकुराई मेरे बारे मैं क्यों सोचती थीं तुम। पता नहीं बस तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो दिल चाहता है कहां प्यार करूं। तो मैं मुस्कुरा कर उस के होंठ चूम लिये, तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया ये सब। तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली डर लगता था के तुमको खो न दूं कहीं।

मैं ने उसे लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये और आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार किया तो वो मचल उठी आअह्ह आआह निक्की मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत मेरी जान मेरे प्यार और मैं ने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो मेरे नरम चूतहर पकड़ कर नीचे किये और चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गयी आह आह आह ऊऊऔइ शालु और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आयी मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी। हम दोनो की चीखें निकल पड़ी दोनो के चूतड़ उछल रहे थे शालु मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो, मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर आऐईए माअ मर जाआअओनगि नाआअहि शलु अर्रर्रर्ररे आह ऊओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हह्हिअ आआइ मैं निकल रही हूऊऊओन शालु मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालु के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी निक्की चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर्रे रीईईए आआआअह ऊऊओमफ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह्ह ह्हाआआअ और मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झड़ना बह निकला हो रोकते-२ मेरे गले से नीचे उतर गया यही हाल शालू का भी था हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं और हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये।

भाभी की प्यास

मेरा नाम विशु है..अभी शादीशुदा हु 30 साल से ऊपर उमर है मेरी लेकिन चुदाई के बारे में मै पूरा तैयार हूँ...कहानी क़रीब ५ साल पहले की है. मेरे घर में मै माँ और पिताजी ही थे..मेरी उमर उस समय २५ साल की थी मेरा लंड ७.५ लंबा और २.५ इंच मोटा है..लेकिन मुझे सेक्स का कोई अनुभव नही था..हाँ मूठ मार लेता था..मै इंजीनियरिंग कर चुका था और अभी नौकरी के लिए प्रयत्न कर रहा था. एक दिन , सुबह ७:०० ऍम पर मै जब उठा और बाथरूम जा रहा था की घर की दरवाजे की घंटी बजी..खोल के देखा तो मेरी मामी का लड़का हिरा और उसकी बीवी रूचि आए है. माँ ने तुरंत देखा और कहा आओ आओ दोनों ने अपना समान अन्दर रखा और माँ को प्रणाम किया थोड़ी देर कुछ बात करने के बाद भाभी तुरंत किचेन में माँ के साथ काम करने लगी पिताजी बाथरूम से निकले और कपड़े पहन कर काम पर जाने के लिए तैयार हो गए.. ,तब हिरा और भाभी ने पिताजी को भी प्रणाम किया सबने मिल कर नाश्ता किया.फ़िर हिरा ने कहा की गाव में उसका कोई काम नही चल रहा है और घर की हालत ख़राब होती जा रही है इसलिए मौसी ने कहा है की शहर में जाकर कोई काम ढून्ढो...जब तक रहने का इंतज़ाम नही होता तब तक यहाँ रुकेंगे..अगर माँ पिताजी चाहे तो..माँ पिताजी दोनों ने कहा कोई बात नही..हमारा घर बड़ा है..एक कमरा उन्हें दे दिया मेरे बाजू वाला...और कहा पहले नौकरी देखो बाद में घर दूंढ लेना..नाश्ता करने के बाद हिरा भी फ्रेश होकर नौकरी की तलाश में निकल गया. . हिरा के जाने के बाद भाभी माँ के साथ घर के काम में लग गई मै स्नान करने बाथरूम में गया और तैयार होकर बाहर आया.भाभी मेरे साथ थोड़ी देर बैठ कर बाते करने लगी..थोड़ी देर में हमारी अच्छी दोस्ती हो गई..भाभी का रंग गोरा था.और चुन्चिया एकदम कसी हुयी..पतली कमर...गोल उभरी हुई गांड....कुल मिलाकर भाभी एक चोदने की चीज़ थी..लेकिन अभी मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नही आया . मुझसे बात करते हुए वो काम भी कर रही थी.

शाम को हिरा वापस आया..उसे एक नौकरी मिल गई थी २०० रुपये रोज की. . दो दिन ऐसे ही बीत गए..मै उनके कमरे के बाजु वाले कमरे में ही सोता हु..दोनों कमरों के बीच की दीवार ऊपर से खुली है.. रात को दोनों के बीच झगड़ा होता था...भाभी की आवाज़ मैंने सुनी...तुम फ़िर से झड़ गए..मेरा तो कुछ हुआ ही नही...फ़िर से करो ना..लेकिन हिरा कहता था.तेरी चूत कोई घोडा भी चोदेगा तो ठंडी नही होगी..मुझे सोने दे..ऐसा दो रात हुआ..भाभी उठ कर बाथरूम जाती थी फ़िर बड़बढ़ाते हुए वापस आ कर सो जाती थी.. भैय्या कहते थे..तू बहुत चुदासी है..तुझे संतुष्ट करना मुश्किल है..ख़ुद ही अपने हाथ से आग बुझा ले.. तीसरे दिन , पापा और हिरा नाश्ता करके अपने काम पर चले गए मै लेता था..भाभी मेरे कमरे में आई और कहा की नाश्ता करने चलो..माँ शायद बाथरूम में थी..मैंने किचेन में जा कर नाश्ता करना शुरू किया.भाभी मेरे एकदम से क़रीब आई और बड़े प्यार से बोली विशु ..एक बात पूंछू ? मैंने कहा पूंछो ..भाभी बोली "किसी से बताओगे तो नही?" मैंने पूंछा ऐसी कौनसी बात है?और आप तो जानती हो मै चुगली नही करता. . भाभी फिर से बोली मै जानती हु लेकिन आप प्रोमिस दो आप किसी को नही बताएँगे मैंने कहा हाँ मै प्रोमिस देता हु.. तब भाभी ने धीरे से कहा मेरे और तुम्हारे भैय्या के लिए कोक शास्त्र ला दो., मैंने पूंछा ..क्यो? भाभी ने कहा तुम्हारे भाई को औरत की कैसे चुदाई की जाती है वो सीखना पड़ेगा वो मुझे संतुष्ट नही कर पता. मै ने कहा ठीक है मै ला दूंगा मै सुबह मार्केट में गया और एक बुक स्टोर से अच्छा कोक शास्त्र और दो चुदाई की कहानी की पुस्तक ले आया.घर आकर मैं ने चुदाई की पुस्तके पढी..मेरा लंड खड़ा हो गया..मैंने मूठ मारी..और पहली बार मुझे भाभी को चोदने का ख़्याल आया. कोक शास्त्र में चुदाई की कई तस्वीरे थी..फ़िर मैंने भाभी को तीनो पुस्तके दे दोपहर का खाना खाने के बाद भाभी वो पुस्त ले कर अपने कमरे में चली गई..पुस्तक पढते हुये वो गरम हो गई..मैंने दरवाजे से देखा वो अपने चूत में हाथ दल के मसल रही थी.. रात को डिनर के बाद १० :३० बजे सब अपने बेडरूम में सोने गए मै ड्राइंग रूम में बैठ कर भाभी और हिरा जो बात कर रहे थे वो सुन रहा था , हिरा ने भाभी की चुदाई की लेकिन उसे संतुष्ट नही कर सका और रोज की तरह जल्दी ही झड़ गया भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो सुनता ही नही था, अपनी गलती मान ही नही रहा था.

आखिर में भाभी रूम से बाहर निकली और बाथरूम में गयी, अपनी चूत को साफ किया और फ़िर पनि साड़ी से चूत को पोंछते हुए , बाथरूम से जब वापस आयी तब मैंने हिम्मत कर के उन्हें रोका और भाभी का एक हाथ पकड़ के मेरे गरम लंड पर रखा., भाभी के खप से उसे पकड़ा और फ़िर प्यार से उस पर हाथ फेरने लगी और बोली यह तो बहुत बड़ा लंड है , मैंने कहा बड़ा ही नही मजबूत भी है..तुम्हे संतुष्ट कर सकता है..बड़े और मोटे लंड से ही चुदाई का असली मज़ा आता है., भाभी बोली शायद यही सच है.तुम क्या कर रहे हो..मैंने कहा मूठ मार रहा ऊँ..भाभी बोली मत मारो मै अभी रमेश के सोने के बाद तुमसे चुदवाने आऊंगी., ये कह कर वो मेरे लंड को थपथपा के जाने लगी..मैंने उनकी चुन्ची को दबा दिया..वो उईई.कर उठी..और फुसफुसाके बोली..थोड़ा सब्र करो..सब दूंगी..राज्जा..पूरी नंगी होके चुदवाऊन्गी और वो अपने कमरे में चली गई.. जाते ही हिरा बोला यह दूध में शक्कर डाला ही नही है जाके शक्कर मिला के ले आओ . भाभी बिना कुछ कहे वो दूध लेके बाहर आयी और मुझे इशारा कर के किचेन में बुलाया..मै उनके पीछे उनकी गांड से मेरा खड़ा लंड टिका के खड़ा हो गया..उन्होंने भी मेरे लंड पर अपनी गांड और चिपका दी..फ़िर बोली कोई नींद की गोली है ?मैंने कहा बहुत है.. ममी पहले लेती थी मैंने दो गोली निकाल के दी भाभी ने दोनों गोली पीस के दूध में डाली और शक्कर डाल के फ़िर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया फ़िर वो बोली मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ , मैंने अपना पाजामा खोला और अपना मूसल बाहर निकला..उसक् ? सुपाडे के छेद से अब पानी निकल रहा था. उसने अब उसे हाथ में लिया..बाप रे ये तो दुगुना लंबा और मोटा है..मेरा ७.५ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा लंड हाथ में लेने की कोशिश की..और कहा कितना सलोना है..और कितना तगड़ा है बहुत मोटा है ये..मेरी चूत फाड़ डालेगा..और झुक के मेरे लंड को चूमा और कहा मेरा इंतज़ार करो ऐसा बोल के दूध अपने साथ ले के वो बेडरूम में चली गयी.

मै अपने बेड पर आ के पाजामा खोल के सो गया..लंड को मै सहला रहा करीब २० मिनिट के बाद भाभी बेडरूम का दरवाजा खोल के मेरे रूम मे आई उसने आते ही मुझसे कहा विशु आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो मेरी चूत को तुम्हारे मोटे लंड से तृप्त कर दो..मैंने भाभी को अपने बिस्तर पर मेरे ऊपर खीच लिया मै तो नंगा ही था, भाभी ने मेरे लंड को महसूस किया मै उन्हें चूमने लगा. उन्होंने फूस फुसते हुए कहा..इतना मोटा लंड मेरी चूत मे धीरे धीरे डालना संजू. मै उन्हें चूमते हुए उनका ब्लाउज खोलने लगा.अंडा ब्रा ऍ ?ही पहना था शायद हिरा से चुदवाते हुए वो पहले ही खोल चुकी थी..मैंने उनकी साड़ी भी खोल के नीचे फेंक दिया..अब सिर्फ़ पेटीकोट मे थी वो..कितनी गोरी थी..मै उन्हें चूमे जा रहा था और चुन्चिया मेरे हाथो मे थे..मस्त नरम मख्खन जैसी चुन्चिया थी..मैंने उनके पेट को सहलाते हुए नीचे चूत पर हाथ लगाया उफ़ लगा जैसे आग लगी है मैंने उनके चूची को आटा गूंथने जैसे मसला वो आह..ओह्ह.. कर रही थी लेकिन बहुत धीरे...फ़िर मैंने उनका पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे नीचे खीच दिया..चड्डी भी नही थी..मैंने भाभी को मेरे बेड परलिटा दिया उफ़ क्या छोट थी पुस्तक मे कुंवारी लड़की की जैसी चूत थी ठीक वैसी ही चूत की दरार थी..मै तो पागल होने लगा..झुक कर चूत को चूमा..चूत गीली थी..मैंने दाने को ढूंढा उसे मसल दिया भाभी ऑफ़ कर उठी..फ़िर एक ऊँगली गीली चूत मे दाल दी..बहुत टाईट थी चूत..मेरी ऊँगली भी मुश्किल से जा रही थी..भाभी ने कहा अब मुझे पहले तुम्हारे लंड से च ोद दो.. .मैंने उन्हें और तडपाने के लिए अब मेरी जीभ चूत पर लगा दी और चूसने लगा अब भाभी बेचैन हो गई..अहह संजय..क्या कर रहे हो..आह्ह..इश..ओ माँ और जीभ चूत पर लगाने से उनकी चूत से और पानी निकलने लगा ..उन्होंने कहा पहले एक बार इस लंड को अन्दर दाल के चोद डालो..फ़िर बाद मे जो चाहे करना..मैंने कहा ठीक है..और मै उनके पैरों के बीच बैठ गया.मैंने देखा उनकी चूत का सूराख बहूत छोटा है..पास ही टेबल पर फेयर न लवली करें का नया ट्यूब था उसे मेरे लंड पर अच्छे से लगाया..और ऊँगली से भाभी के सूराख पर भी.., भाभी ने अपने पैर अच्छे से फैला दिए मैंने अपना लंड चूत पर रखा..भाभी ने तुरंत लंड हाथ मे पकड़ लिया और अपनी चूत पे रगड़ने लगी , थोड़ी देर के बाद मेरे लंड का सुपाडाअपने चूत के गुलाबी छेद पर रखा और फूसफुसाके बोली विशु ये इतना मोटा है तुम मेरी चूत का ख़्याल रखना..एकदम आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालो..मेरी चूत फाड़ मत देना...ये सुनकर मै और जोश म् ? आ गया..फ़िर भी मैंने लंड के सुपाड़े को अन्दर धकेला..और भाभी..उईई..माँ...कर के उछल पड़ी मैंने अब लंड को धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगा लेकिन चूत बहुत टाईट थी..मैंने थोड़ा जोर लगाया और चुन्ची दबा के धक्का दिया आधा लंड अन्दर घुस गया और भाभी उछल पड़ी..मैंने देखा चूत से थोड़ा खून निकल आया..मै डर गया..मैंने पूंछा भाभी ज्यादा दर्द हो रहा है क्या.

भाभी ने कहा तुम फिकर मत करो अन्दर डालो पूरा..आह्ह मजा आ रहा है..लेकिन भाभी के चेहरे पर दर्द दिख रहा था..मैंने आधे घुसे लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.थोड़ी देर में भाभी ने कहा और तेज ..और तेज.आह..और मै जोश में आ गया.मैंने लंड को बाहर खीचा और पुरी ताकत से अन्दर दाल दिया और इस बार भाभी जोर से चीखने जा रही थी लेकिन अपने ही हाथो को मुँह में डाला और काट लिया उनकी कलाई से खून निकल आया लेकिन वो अब कमर उछालने लगी थीं मुझे चिपक रही थीं..आह..ऊह्ह....विशु ..मै आने वाली हूँ..और जोर से..और...और फ़िर उन्होंने दो टिन झटके मारे और मुझसे चिपक गई..उनका पूरा बदन कांप रहा था पसीना निकल आया था और मेरे लंड पर भी बहुत गरम गरम लगा..उनका पानी..उन्होंने मेरा चुम्मा लिया और कहा....आज मेरी चूत पहली बार झड़ी है जिंदगी में..अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे..मैंने कहा तुम्हारी चूत से खून भी निकला है..उन्होंने कहा ..सच्च...मैंने अपना लंड निकल कर दिखाया..जो की लाल हो रहा था..वो मुझसे और जोर से लिपटी और कहा आज ही मै सही मायने में औरत बनी हूँ.. भाभी ने जिस तरह से चूत को झटके दिए उससे मै तो घबरा गया था..मै उनसे कुछ पूछने जा रहा था उन्होंने मेरा मुह हाथ से बंद किया और मेरा लंड वापस चूत में डालने का इशारा किया इस बार मैंने लंड को एक झटके में अन्दर डाला..भाही ने फ़िर से कमर उछालना शुरू किया..शायद अभी पूरी झड़ी नही थी..मेरे लंड को चूत में कस लिया मै उनकी चूची चूसते हुए जोर से झटके मारने लगा“ भाभी ने कहा विशु ..बहुत मज़ा आया रहा है..तुम सच में अच्छा चोदते हो..और तुम्हारा ये मजबूत लंड आः..अब मुझे भी मेरे लंड में से कुछ निकलेगा ऐसा महसूस हो रहा था..लंड और कड़क हो के फुल रहा था..मैंने अब धक्को की स्पीड बड़ा दी मेरे धक्को से भाभी की चुचिया उछल रही थी..और ७-८ धक्को के बाद मैंने लंड को चूत की गहराई में पेल दिया और मेरे लंड से पिचकारियाँ निकलने लगी..एक निकली..दुसरी निकली..तीसरी..चौथी...और ऐसे क़रीब ७-८ मोटी धार की पिचकारी से भाभी की चूत पूरी भर गयी..मै उनके ऊपर ल???ट गया..वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी..फ़िर हमने एक दुसरे के होठों को बहुत जोर से चूमा.. ,क़रीब ५ मिनिट के बाद भाभी ने कहा अब लंड को बाहर निकाल लो..मै उठा और लुंड जो अभी भी आधा खड़ा था..उसे बाहर निकाला..पक्क की एक आवाज़ हुयी..और भाभी की चूत से मेरा लावा और खून दोनों बह कर चादर पर गिरने लगे , मैंने देखा पहले जो चूत सिर्फ़ एक पतली दरार दिख रही थी अब वो अंग्रेज़ी के "ओ" जैसी दिखने लगी थी , मैंने सोचा भाभी को अब हिरा का लंड बहुत ही छोटा लगेगा.

भाभी ने उठाते हुए आह्ह की आवाज़ की..मैंने अहिस्ता पूंछा क्या हुआ..उन्होंने कहा चूत चरपरा रही है.. मैंने उनका हाथ पकड़ कर खड़ा किया .. उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए..भाभी और मै दोनों नंगे ही थे.. बाथरूम में भाभी चूत साफ करने बैठी तो मैंने देखा और भी बहुत सा माल उनकी चूत से निकला..उन्होंने कहा..कितना माल निकाला है..हिरा का तो एक चम्मच ही गिरता है...ये तो क़रीब १० चम्मच है..फ़िर उन् होंने मेरे लंड को साबुन लगा के धोया..लंड फ़िर खड़ा होने लगा..मैंने कहा भाभी और एक बार...भाभी ने कहा..देखते है..फ़िर हम दोनों बेद पर आ कर लेट गए नंगे..और सो गए..थोड़ी देर मैंने उनकी चूची मसली चुम्बन किया..उनकी चूत सह्लायी..भाभी भी मेरे लंड को सहला रही थी.. एक घंटे के बाद फिरसे मेरा लंड खड़ा हुआ अब मैंने भाभी को जगाने लगा.. वो जाग गई थोड़ी देर चुम्बन के बाद मैंने भाभी से कहा..मेरा लंड चुसो न..उसने पहले मना किया फ़िर किस किया..मैंने भाभी को कहा चाटो..उन्होंने चाटना शुरू किया मैंने कहा सुपाडे को मुह में लो..,उसने कोशिश की..लेकिन पूरा नही ले पा रही थी....मैंने भाभी से कहा तुम अपनी चूत मेरे मुँह के ऊपर रखो..वो दोनों पैर फैला के मेरे मुह पर बैठ गई..मैंने उन्हें कहा मेरे लंड को झुक के मुँह में लो..उसने किया..और इस तरह चूत चटवाते हुए क़रीब १२-१३ मिनिट में वो उह.. आह्ह..और जोर से चाटो..जीभ मेरे अन्दर तक डाल दो..आह्ह..उनकी चूत से पानी निकल के मेरे गले और चहरे पर बहने लगा था..मै उनकी कुंवारी गांड के छेद को ऊँगली से टटोल रहा था..और भाभी..आह्ह..मेरा होने वाला है..विशु ..पूरी जीभ अन्दर डालो..और भाभी ने चूत मेरे मुँह पर दबा दी और झटके मारने लगी..इस बार उन्होंने अपने चूत के पानी से म???रा पूरा मुह भिगो दिया...और बदन ऐँठ कर शांत हो गई..थोड़ा चूसने के बाद मैंने भाभी को चार पाया बनाया और पिछे से चूत में लंड डाला...इस बार क़रीब ३० मिनिट से ज्यादा मैंने भाभी को चोदा..वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गई..लेकिन मै चोदता रहा.. इस दौरान भाभी और ३ बार झड़ी..फ़िर मै पीछे से ही भाभी की चूत में झड़ गया.. और उनके पीठ के ऊपर लेट गया और सामने हाथ डाल कर चूची दबाता रहा.

इस तरह आधा घंटा सोने के बाद हम लोग फ़िर नंगे ही बाथरूम में गए ..तब सुबह के चार बज रहे थे..बाथरूम में साफ होने के बाद वापस आके मैंने भाभी को नंगी ही पकड़ के .बहुत ...चूमा .. मम्मे दबाये..फ़िर वो अपने कपड़े पहन कर बेड रूम में हिरा के पास चली गई.. अब तो मै भाभी को बहुत चोदता हू हपते में तीन चार रात तो भाभी मेरे ही बिस्तर पर रात गुजारती है, और चुदाई का पूरा मज़ा लेती है.. शायद इस बार भाभी गर्भवती है कह रही थी मासिक नही हुआ अभी तक...ये बच्चा मेरा ही है.. आप को ये कहानी कैसी लगी !! मुझे मेल करिए!!!!